बबूल
" बोएँगे बबूल
तो कैसे उगेंगे गुलाब "
जिसने भी कही हो
बात ग़लत हैं जनाब
ईश्वर को देखिए
ख़ुदा को देखिए
फ़सल इंसान की बो रहा हैं
पैदा दरिंदा हो रहा है।
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