Sunday, January 5, 2025

शहर और जंगल - बबूल

 बबूल  


" बोएँगे बबूल 

तो कैसे उगेंगे गुलाब "

जिसने भी कही हो 

बात ग़लत हैं जनाब 

ईश्वर को देखिए

ख़ुदा को देखिए 

फ़सल  इंसान की बो रहा हैं 

पैदा दरिंदा हो रहा है।    

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