रा ...म ...रा
हम आपको भले लग रहे हैं
तभी आप हमारे गले लग रहे हैं
वरना हक़ीक़त कुछ और है जनाब
ज़रा अपने और हमारे बीच से
इस आईने को हटाइये
फिर सरलता से मरा को मरा
और राम को राम पढ़ जाइये
मेरा दावा है
आईने के हटते ही
आप हमे ही नहीं
स्वयं को भी पहचान लेंगे
और इंसानों की इस दुनिया में
इंसान की शक्ल में बसते है शैतान
जान लेंगे।
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