Wednesday, January 29, 2025

शहर और जंगल - फर्क

 फर्क 


पानी से आधा खाली 

गिलास , आधा भरा भी है 

गर खोटा है कहीं

तो कहीं खरा भी है 

यह आपकी और मेरी 

नज़र का फर्क है शायद 

वरना

जो ख़ुश बहुत नज़र आता है 

वो शख़्स

इक दिन में 

कई बार  मरा भी है।  


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