Sunday, January 5, 2025

Anjili Goyal Anju _ Vrindavan

 वृंदावन की गलिन-गलिन में ,  गूँजे राधे राधे 

राधे की धुन सुनने को जन , आते भागे-भागे  


कृष्ण भक्ति में डूब यहाँ,आ, हरकोई पगलाए 

एक बार जो आए ब्रज में, लौट नहीं घर जाए 

देख बिहारी जी की मूरत, प्राण वहीं सध जाते 

राधे की.........


निधिवन में राधा सँग कान्हा,आकर रास रचावें 

जमुनाजी में लगा डुबकियाँ,पाप सभी कट जावें

प्रेम मंदिर की शोभा को जग, देखे टकटकी बाँधे

राधे की..........


बच्चे बूढ़े जिसको देखो, वही नाचते फिरते 

वृंदावन के आगे सारे ,   तीरथ  फीके लगते 

कभी गोद में कहीं कन्हैया,  घूमे काँधे-काँधे 

राधे की...........


देश गए परदेश वहाँ पे , देखें सुन्दर उपवन 

पर वृंदावन आगे पानी ,  भरते पेरिस लंदन 

कृष्णभक्ति में रम परदेशी,कृष्णा कृष्णा गाते

राधे की.............


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