वो लड़की
वो लड़की बिंदास
रहती थी घर के पास
मिलती थी जब कभी राह में
कहती थी खिल कर -
" Hey , I love your Jeep "
और लेता था मैं चुटकी -
" Love me too ..."
खिलखिला उठती थी झरने की तरह
बिंदास करती थी रक़्स
फ़ारसी गानों की धुन पर
उसके साथ गुज़ारी एक शाम
आज भी ताज़ा है रूह में
अफ़सोस उठ गया जनाज़ा उसका
लेकिन आज भी टूटी - फूटी फ़ारसी में
बात करता हूँ उसकी रूह से।
कवि - इन्दुकांत आंगिरस
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