Saturday, May 13, 2023

फ़्लैश बैक - माँ

 माँ की स्मृति में ,


माँ , क्या लिखूँ तुम्हारी स्मृति में 

सबको देती थी आशीर्वाद तुम -

 " जीते रहो , ख़ुश  रहो "

अस्पताल में बहुत बीमार थी तुम 

लेकिन तब भी फ़िक्र थी हमारी 

कहा था तुमने मुझसे और भाई से 

- तुम्हे परेशान न करे कोई।


माँ , क्या लिखूँ तुम्हारी स्मृति में 

न शब्द हैं न काग़ज़ 

रख दी है क़लम मैंने 

और सोचने लगा हूँ तुम्हें। 


कवि - इन्दुकांत आंगिरस  


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