Sunday, May 21, 2023

गीत - जन्म जन्म का साथ हमारा

 जन्म जन्म का साथ हमारा , अब न बिछड़ेंगे मिल कर 


तुम सपनों की रात सँवारो  , मैं पलकों पर दीप जलाऊँ

तुम सरगम का राग पुकारो , मैं अधरों पर गीत सजाऊँ 


तुम फूलों का बाग़ सजा लो , मैं कलियों का रास रचाऊँ

तुम यादों का पाल बना लो , मैं लहरों की नाव बनाऊँ

 

तुम बदरी के गीत सजाओ , मैं तारों का साज़ बजाऊँ  

तुम किरनों के पंख बना लो , मैं चाँदी  के फूल सजाऊँ 


तुम चंदन की सेज सजा लो , मैं साँसों का कफ़न बनाऊँ

तुम प्राणों का दीप जला लो , मैं बस धुआँ धुआँ बन जाऊँ



कवि - इन्दुकांत आंगिरस    

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