लघुकथा - पहलवान
अध्यापक ने स्कूल के बच्चे से पूछा - "अच्छा बेटा ये बताओ कि बड़े होकर आप क्या बनना चाहोगे ? "
बच्चा सोचने लगा - " मैं बड़े होकर ....क्या बनना चाहुँगा "
- "हाँ , मतलब , इंजीनियर , डॉक्टर , जज , आईएएस अधिकारी , अध्यापक या फौजी ? "
- "मैं बड़े होकर पहलवान बनूँगा।" - बच्चे ने उछलते हुए जवाब दिया।
- "पहलवान , वो क्यों बेटा ? "अध्यापक ने अचकचा के पूछा।
- "क्योंकि राजनीति के अखाड़े में भ्रष्ट सरकार को एक पहलवान ही गिरा सकता है।"
बच्चे का जवाब सुनकर अध्यापक ने पाठ्यक्रम की पुस्तक बंद कर दी।
लेखक - इन्दुकांत आंगिरस
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