Thursday, June 8, 2023

वसंत का ठहाका - औरत -4

 औरत और राग


औरत और राग का
नाता है बहुत गहरा
बजाते ख़ुद
एक ताल है औरत
सुर और लय का
 कमाल है औरत
उसकी रग रग में
बसता  है एक राग
और
इस राग को
सीखने के लिए
एक उम्र चाहिए। 


कवि -   इन्दुकांत आंगिरस 

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