Thursday, June 22, 2023

लघुकथा - तौलिया

 तौलिया 


प्राइमरी स्कूल की अध्यापिका बच्चों को साफ़ - सफ़ाई  और स्वच्छता के बारे में बता रही थी , विशेष रूप से भोजन से पहले हाथ धोना , भोजन के बाद कुल्ला करना , तौलिये से मुँह साफ़ करना  और अपना तौलिया अलग रखना।  यह सुन कर एक बालिका बोली - " मैम , मेरी माँ तो मुझे अक्सर अपने हाथो से खाना खिलाती है और खाने के बाद अपने आँचल से ही मेरा मुँह पौंछ देती है। "

उस बालिका की बात सुन कर उसके साथ बैठी   बालिका ज़ोर से बोल पड़ी - " अरे , मैं क्या करूँ , मेरी माँ तो साड़ी पहनती ही नहीं।  वो तो जींस पहनती है।  मुझे तो खाने के बाद उठ कर ख़ुद ही तौलिये से हाथ पौछने पड़ते हैं। "

दूसरी  बालिका की बात सुन कर अध्यापिका हैरान थी लेकिन बच्चें ज़ोर ज़ोर से हँस रहे थे। 


लेखक - इन्दुकांत आंगिरस 

No comments:

Post a Comment