Saturday, June 3, 2023

ग़ज़ल - हर किसी का सनम दिल लुभाता नहीं

 ग़ज़ल 


हर किसी का सनम दिल लुभाता नहीं 

प्यार करना  यहाँ सब को आता नहीं 


हर घडी प्यार की आग में हम जले 

इश्क़ की आग भी वो बुझाता नहीं 


भूल कर भी उसे हम भुला न सके 

याद भी अब सनम हम को आता नहीं 


रात भर जाग कर दिल तड़पता रहा 

गीत ग़म के भी अब वो सुनाता नहीं 


चाँदनी में कही सो गया जब 'बशर '

नींद से फिर उसे वो जगाता नहीं   


कवि - बशर बिंदास 

No comments:

Post a Comment