Thursday, June 29, 2023

गीत - शब्द कोई प्रेम भरा ..........

 शब्द कोई प्रेम भरा , अब मुझ को न लिखना तुम 

मेरे जलते ज़ख़्मों पे , अब  मरहम   न रखना तुम  


 टूटा दिल उजड़ी बस्ती , बिखरा हुआ फ़साना हूँ 

 मुरझाए फूलों पे पसरा , एक   अदद दर्दाना हूँ 


इस टूटी सरगम से अब गीत कोई न रचना तुम 


अपने ज़िंदा ज़ख़्म को आज कफ़न पहनाया  है 

आज ही टूटा दिल मेरा   बरसों में   मुस्काया  है


इन भीगी पलकों पे अब दीप कोई न रखना तुम 


मेरा दिल  सूना  मरघट इसमें कौन रहेगा अब 

छोड़ गए मुझ को तन्हा जलते चन्दन वन में सब 


इस जलते चन्दन से अब तिलक न कोई करना तुम  

 



कवि - इन्दुकांत आंगिरस   

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