लघुकथा - सेविंग्स
अपने नए पड़ोसी को चाय की प्याली थमाते हुए मैंने पूछा - " सर्विस करते हैं आप ? "
- " जी हाँ , बिजली विभाग में इंजीनियर के पद पर कार्यरत हूँ। " - पडोसी ने मुस्कुरा कर जवाब दिया।
- " फिर तो बिजली आपको फ्री मिलती होगी " - मैंने उत्सुकता से पूछा।
- " जी , फ्री है भी और नहीं भी "। पडोसी ने तपाक से कहा।
- " जी मैं समझा नहीं '" - मैंने हिचकते हुए कहा।
- " मतलब बिल तो आता है पर बहुत कम "
- वो कैसे ? - मैंने जिज्ञासा से पूछा।
- इधर आइये , बतलाता हूँ , वो मुझे बिजली के मीटर के पास ले जा कर बोले - ये पिन देख रहे हैं आप , बस इसे ज़रा सा नीचे गिरा दें ,फिर चाहे AC चलाये चाहे गीजर। "
अपने पडोसी की इस बचत योजना के आगे मुझे अपनी सारी बचत योजनाएँ फीकी- सी मालुम पड़ी।
लेखक - इन्दुकांत आंगिरस
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