बह्र -
ग़ज़ल में एक लय होती है या यूँ कहें एक विशेष धुन पर ग़ज़ल कही जाती है। यह धुन और कुछ नहीं लघु और दीर्घ मात्राओं का विशेष अलग अलग क्रममें रखा समूह है। यही समूह ग़ज़ल की व्याकरणीय भाषा में उर्दू में रुक्न कहलाता है और हिन्दी में घटक। इस रुक्न के बार बार के दुहराव ( रिपीटीशन) से जो विशेष लय या धुन बनती है उसे ही बह्र कहते हैं। यह रुक्न निम्न हैं
1. फऊलुन नाम बहर मुतकारिब मात्रा 122
2. फाइलुन नाम बहर मुतदारिक मात्रा 212
3. फाइलातुन नाम बहर रमल मात्रा 2122
4. मुफाईलुन नाम बहर हज़ज़ मात्रा 1222
5. मुस्तफ्इलुन नाम बहर रज़ज़ मात्रा 2212
6. मुतफाइलुन नाम बहर कामिल मात्रा 11212
7. मुफाइलतुन नाम बहर वाफिर मात्रा 12112
ये सालिम बह्र हैं मतलब मूल बह्र हैं इनसे ही उर्दू की सभी बहरें बनी हैं। अब आपको धीरे धीरे सभी बहर का परिचय प्राप्त करना है।
फऊलुन -
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इसका कोई शाब्दिक अर्थ नहीं है। यह सिर्फ मात्रा का क्रम याद करने का तरीका ईजाद किया गया है।
फ 1
ऊ 2
लुन् 2 (उर्दू शब्द के अंतिम अक्षर पर हलन्त होता है
इसलिए हलन्त वाला अक्षर पूर्ववर्ती अक्षर की
मात्रा 1 को 2 कर देगा)
इसलिए फ ऊलुन मात्रा भार 122 है
इसी वज्न पर शब्द होंगे
कमाना 122
महीना 122
सहारा 122
दिखावा 122
आपको इसी मापनी पर कम से कम 15 शब्द लिखने हैं। समय दो दिन का है।
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