Monday, December 16, 2024

Ghazal Lesson - 10

 ओ मात्रा वाले स्वर क़ाफ़िये

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ऐसे शब्द जिनके अन्त में ओ की मात्रा हो और उनको क़ाफ़िये के रूप में प्रयोग किया गया हो  तो इन्हें ओ स्वर वाले क़ाफ़िये कहेंगे।

जैसे -

खो, सो, रो , धो, ढो आदि शब्द के क़ाफ़िये ओ मात्रा वाले स्वर क़ाफ़िये होंगे।

2. व्यंजन क़ाफ़िया

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 ऐसे शब्द जिनके अन्त में व्यंजन हो और उनमें तुकान्तता हो तो ऐसे क़ाफ़िये व्यंजन क़ाफ़िये कहलाते हैं। जैसे - कलम, सनम, धरम, दम , आदि शब्द के अन्त में ' म' अक्षर है यदि इनको क़ाफ़िये के रूप में प्रयोग करते हैं तो इन सभी में 'म' की तुकान्तता होगी। अत: ये सभी क़ाफ़िये व्यंजन क़ाफिये कहलायेंगे।


शुद्ध क़ाफ़िया और अशुद्ध क़ाफ़िया मतलब सही और

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गलत क़ाफ़िया पहचानने का नियम

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आप सबको यह पढ़कर और सुनकर आश्चर्य होगा कि क़ाफ़िया भी सही और ग़लत होता है। लेकिन यह सच है। क़ाफिये सही और ग़लत भी होते हैं। आज आपको इसे पहचानने का तरीका बतायेंगे जिससे ग़ज़ल में आप ग़लत क़ाफ़िया चुनने से बच जायेंगे।

सही क़ाफ़िया चुनने का पहला नियम-

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क़ाफ़िये का निर्धारण मतले से होता है। मतले में प्रयुक्त क़ाफ़िये के कॉमन अक्षर को हटा दें यदि दोनों क़ाफ़िये में मूल शब्द बचता है और हर्फे रबी का मिलान होता है तो क़ाफ़िया सही है यदि नहीं तो ग़लत है। जैसे -

मतले में पढ़कर क़ाफ़िया के साथ चढ़कर क़ाफ़िया लिया यहां दोनों क़ाफ़िया में कर कॉमन है इसे हटा देने पर शेष पढ और चढ़ बचता है जिनका हर्फे रबी ढ़ है दोनों का हर्फे रबी एक है इसलिये यह क़ाफ़िया सही है। लेकिन यदि क़ाफ़िया बदली के साथ सहमी मतले में प्रयोग करें तो दोनों में ई मात्रा कॉमन हटा देने पर मूल शब्द बदल और सहम बचता है जिनके हर्फे रबी में कोई समानता नहीं है। अत: यह क़ाफ़िया गलत होगा।

नोट- यह नियम सिर्फ मतले में लिये गये क़ाफ़िये में ही लागू होता है।

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