नियम नं 2
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मतले में प्रयुक्त क़ाफ़िये में कॉमन अक्षर को हटा दिया जाये तब शेष बचे हुये शब्द में यदि एक शब्द का मतलब निकलता हो लेकिन दूसरे शब्द का कोई मतलब न निकले तो ये क़ाफिये सही माने जाते हैं। यदि दोनों का मतलब निकलता हो तो क़ाफ़िये गलत हैं। जैसे क़ाफ़िये
रोशनी और जिन्दगी को देखें
दोनों में 'ई' मात्रा कॉमन है इसको हटा दें तो शेष बचता है
रोशन और जिन्दग (यहाँ रोशन का अर्थ है प्रकाशित लेकिन जिन्दग का कोई मतलब नहीं है ) इसलिए ये क़ाफ़िये सही हैं । इनका क़ाफ़िये के रूप में प्रयोग जायज है।लेकिन वहीं यदि दोनो क़ाफ़िये का अर्थ निकलता है तो मतले में ऐसे क़ाफ़िये का चयन ग़लत होगा। जैसे -
दोस्ती और दुश्मनी को देखें-
दोनों कॉमन 'ई' मात्रा हटा दें तो शेष दोस्त और दुश्मन बचता है । दोस्त का मतलब मित्र और दुश्मन का मतलब शत्रु है। यहाँ दोनों शब्द का मतलब निकलता है अत: ऐसे क़ाफ़िये मतले में बाँधना उचित नहीं है। यह ग़लत होगा।
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