Égig Érő Mesefa
गगनचुम्बी क़िस्सागो
पेड़
एक बार की बात है एक
बूढ़ा आदमी था। उनके दिन एकांत में व्यतीत होते थे, उनके न तो कोई पुत्र था और न ही कोई और क़रीबी ।
एक बार उसे एक राजमा का दाना मिला और उसने
उसे अपने आँगन में बो दिया। राजमा की फलियाँ अंकुरित हुईं और बढ़ने लगीं। राजमा की फलियाँ बढ़ती
गयीं , बढ़ती गयीं , मानो उन्हें खींच लिया गया ह। तब तक बढ़ती गयी जब तक उनमें से एक सुंदर ऊँचा पेड़ नहीं निकल आया । लेकिन फिर
भी ये रुका नहीं, बढ़ता ही गया. खैर, अंत में पेड़ आसमान को छूने लगा । अब यह पेड़ और अधिक नहीं फैल सकता था , इसलिए वह अपने दाई
और बाई ओर फैलने लगा । उसकी सुंदर शाखाएँ थीं
और फिर प्रत्येक शाखा से छोटी-छोटी शाखाएँ निकलीं। बूढ़ा व्यक्ति बहुत ख़ुश था क्योंकि विशाल पेड़ ने उसके आँगन में ठंडी छाया
प्रदान कर दी थी। उसकी ख़ुशी तब और बढ़ गई
जब आसमान छूता पेड़ कहानियाँ सुनाने लगा। उसने कई कहानियाँ सुनाईं और बाद में बूढ़ा
आदमी और अधिक कहानियाँ सुनना सहन नहीं कर सका। पेड़ पर इतनी सारी परीकथाएँ उग आईं कि
आँगन, गाँव, शहर, दुनिया उनसे भर गई। बेशक, बच्चों को कोई फ़र्क नहीं पड़ता, वे दिन-रात कहानियाँ
सुनते। एक बार, पेड़ के शीर्ष पर, ठीक बीच में एक राजमा
उगा । यह राजमा का दाना पक चुका था और एक
दिन आड़ू की तरह पेड़ से गिर गया। जैसे ही राजमा का दाना ज़मीन पर
गिरा उसमें से एक सुंदर छोटा-सा लड़का कूद कर बाहर निकला । बूढ़े व्यक्ति को उसका नाम यांको राजमा
रख दिया। उस छोटे लड़के के लिए ये ख़ुशी
बेकार थी , क्योंकि वह निश्चित रूप से उसके साथ नहीं रहना चाहता
था। वह इस दुनिया की सैर के लिए निकल पड़ा ।
.उसने कहा कि उसके पास रुकने का समय नहीं है
क्योंकि बच्चे इन्तिज़ार कर रहे हैं। वह जहाँ भी गया, उसके रास्ते में हज़ारों
साहसिक कार्य और हज़ारों चमत्कार उसके
साथ रहे और तभी से गगनचुम्बी क़िस्सागो पेड़ पर परी कथाओं का जन्म हुआ । सभी परी कथाएँ एक से बढ़ कर एक हैं । हर कोई उन्हें जानता है। यांको राजमा इधर-उधर घूमता है, हर जगह यह देखने के लिए कि क्या उन्होंने अभी तक उसके बारे में सुना है। और बच्चों तुम ! जब उस गगनचुम्बी क़िस्सागो पेड़ के नीचे जाओगे, तो तुम्हें ऐसी कहानियाँ सुनने को मिलेंगी जो अब तक तुम्हें
किसी ने नहीं सुनाई होंगी।
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