Wednesday, December 4, 2024

शहर और जंगल - आशंका

 आशंका 


तुम इतनी  देर से 

अपने हाथों में 

पत्थर उठाये खड़े हो 

देखो !

तुम्हारा हाथ काँपने लगा है 

लौट जाओ 

अपने पदचिह्नों को 

मिटाते हुए 

और पत्थर 

उसी गड्ढे में डाल दो  

जिसमें 

आशंका है 

तुम्हारे गिरने की। 

No comments:

Post a Comment