Friday, December 20, 2024

Ghazal_ Rule # 3

 नियम नं. 3

--------------

मतले में प्रयुक्त क़ाफ़िये में कॉमन अक्षर को हटा दिया जाये तब शेष बचे हुये शब्द में यदि दोनो ही शब्द का कोई मतलब न निकले तो ये क़ाफिये सही माने जाते हैं। जैसे- क़ाफ़िया आसमान महान को देखें

दोनों में आन कॉमन है । इस कॉमन को हटाने पर शेष 

'आस 'और 'मह' बचता है जिनका कोई अर्थ नहीं निकलता है अत: ये क़ाफ़िये शुद्ध हैं इनका इस्तेमाल जायज है।

No comments:

Post a Comment