Friday, December 27, 2024

इब्तिदाए-इश्क़ है रोता है क्या आगे-आगे देखिए होता है क्या

इब्तिदाए-इश्क़ है रोता है क्या

आगे-आगे देखिए होता है क्या


इस मतले का पहला मिसरा 'इब्तिदा-ए-इश्क है रोता है क्या' के रूप में प्रसिद्ध है, लेकिन दुरुस्त यही है जो रेख़्ता पर दर्ज है।

राह-ए-दूर-ए-इश्क़ में रोता है क्या

आगे आगे देखिए होता है क्या

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