राजा मात्याश और मासूम
राजा मात्याश ने एक बार एक जेल का दौरा किया जहां पक्षपातियों को बंद कर दिया गया था। उन्होंने जेल निदेशक के साथ कोठरियों का दौरा किया। एक कोठरी में कई लोगों को कैद किया गया था। राजा मात्याश ने उनमें से प्रत्येक से पूछा कि वे वहां पर क़ैद क्यों है ? प्रत्येक कैदी ने उत्तर दिया कि वह निर्दोष है। वह नहीं जानता कि उसे क्यों बंधक बनाया जा रहा है। कोठरी में एक जिप्सी भी थी। राजा ने उससे यह भी पूछा:- तुम बन्दी क्यों हो? - मेरे राजाधिराज ! मैं भी निर्दोष हूँ लेकिन यहाँ कालकोठरी में हूँ। - आपने क्या किया? - मैंने एक मुर्गी चुराई थी , महाराज! - इस जिप्सी को जेल से रिहा किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे निर्दोष सज्जन उससे सीखेंगे कि मुर्गियां कैसे चुराई जाती हैं - राजा ने कहा इस तरह उस जिप्सी को जेल से रिहा कर दिया गया।
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