Tuesday, September 17, 2024

शतरंज

 

शतरंज

 

बहुत कम उम्र में

सीख लिया था

शतरंज का खेल

और खेलता था घंटों

दोस्तों के साथ

पहले देसी और बाद में

सीखा था

अंतर्राष्ट्रीय शतरंज,

अक्सर हरा देता था

अपने सभी दोस्तों को

फिर ज़िंदगी की भाग दौड़ में

पीछे छूट गयी शतरंज,

अपने बुदापैश्त प्रवास के दौरान

एक मेट्रो स्टेशन के बाहर

चंद लोग बैठे थे शतरंज बिछाये

और खेलने के लिए

कर रहे थे आमंत्रित राहगीरों को

एक बाज़ी के सौ फोरिंट

मैंने खेलना शुरू किया

एक खिलाड़ी के साथ

और लगातार हार गया दो हाथ

यानी मेरी जेब से हल्के हुए

२०० फोरिंट

पूछने पर पता चला कि

उनका यही रोज़गार है

अक्सर दिन भर में

कमा लेते हैं हज़ारों फोरिंट

अब भी कभी-कभी

खेलता हूँ शतरंज

और याद करता हूँ वो दिन।

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