Tuesday, September 17, 2024

कैरम बोर्ड

 

कैरम बोर्ड

 

बचपन में घंटों खेलता था

कैरम बोर्ड

अपने मामा और ममेरे भाई के साथ

अक्सर रात के खाने के बाद

काली-सफेद गोटियों के खेल में

लाल रंग की रानी को पाने के लिए

होड़ लगी रहती

लेकिन कई बार

रानी पास होने के बाद भी

हार जाना पड़ता है,

गर्मियों की ऐसी ही एक शाम

खेल रहे थे हम सभी

बीच-बीच में बार-बार मामी

लगाती रही थी आवाज़

'चलो, बंद करो, बहुत हो गया खेल'

लेकिन हम अनसुना कर

उस आवाज़ को, खेलते रहे थे खेल

तभी आई थी मामी गुस्से में

और मारी थी उन्होंने ज़ोर से

मूसली कैरम बोर्ड के बीचों-बीच

छिटक पड़ी थी सब गोटियाँ

और हम सभी रह गए थें अवाक

बस तभी से छूट गया था

हमारा कैरम बोर्ड का खेल,

लेकिन आज भी

आता है बहुत याद

मेरी प्यारी मामी का

प्यार और दुलार।

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