नीली आँखों वाले चाचा
मेरे दूर के चाचा की आँखें
थी नीली
ऐसा ही सुनते आये थे
कि नीली आँखों वाले शख्स
होते हैं बहुत चालाक और
धूर्त
पर नहीं मालूम था कि
धूर्त के साथ-साथ थे मेरे
चाचा
कपटी और क़ातिल भी
मेरी गप्पी चाची के
हाँ, उनका प्यार का नाम था गप्पी,
एक कहकशाँ-सी थी उनकी हँसी
अजंता की एक मूरत-सी थी
किसी अप्सरा की सूरत-सी थी
जब भी जाता था उनके घर
करती थी बहुत दुलार
स्वर्ग-सा लगता था उनका घर
एक दिन आयी थी बुरी ख़बर
जल कर मर गयी थी गप्पी चाची
खाना बनाते वक़्त फट गया था
स्टोव
पर नहीं था यक़ीन मुझे इस ख़बर पर
कोसा था बहुत मैंने
नीली आँखों वाले चाचा को
और रोया था जी भर कर
आज भी गप्पी चाची को याद कर
मेरी आँखें हो जाती हैं नम।
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