Sunday, June 30, 2024

तुम्हारे समुद्र की लहरें

 तुम्हारे समुद्र की लहरें 



तुम्हारे समुद्र की लहरें

मुझे बुलाती हैं बार बार 

मैं एक नन्हा आकाश 

तुम्हारे समुद्र की लहरों से मिल कर 

दीवाना बन गया हूँ अब 

बूँद बूँद पर लिखता हूँ  तुम्हारा नाम 

तुम्हारे समुद्र की लहरें 

रात - दिन तकती हैं मुझे 

ये बलखाती लहरें 

रात - दिन डसती  हैं मुझे 

इन लहरों से उठ कर 

मेरे तसव्वुर में

तुम्हारी भीगी आँखें उभर आती हैं 

सीने में एक लहर डूब डूब जाती है 

समेट लेती है अपनी पलकों में मेरे आँसू 

आज फिर रीत गया हूँ 

तुम्हारी बूँदों में भीग गया हूँ  

तुम अभी अपने दिल से पूछोगी 

मैं अभी तुम्हारा हो जाऊंगा 

जन्म जन्म के लिए 

तुम भी मेरी हो जाओगी 

हमारे तन इस जन्म में मिले न मिले 

मुरझाये हुए फूल खिले न खिले 

हम फिर मिलेंगे कभी न बिछड़ने के लिए 

हर लहर पर लफ़्ज़े मुहब्बत लिखने के लिए। 






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