Saturday, June 29, 2024

प्रेम पुल

 प्रेम पुल


मैं कैसे मान लूँ कि 

तुम्हारे और मेरे बीच 

प्रेम का यह आख़िरी पुल भी 

आज टूट गया 


तुम्हारा प्रेम जल 

अब भी 

मेरी वीरान आँखों में बसता हैं 

और 

मेरा यह रक्त रंजित 

हृदय पुष्प 

तुम्हारे सीने में 

निरतर रिसता हैं । 



No comments:

Post a Comment