हाँ , मुझे प्रेम हो गया है
हाँ , मुझे प्रेम हो गया है
उन उदास गहरी नीली आँखों से
जिनसे छलकती रहती है
प्रेम की एक अंतहीन नदी
जो देर तक भीगती रहती है
मेरी यादों की बारिश में
हाँ , मुझे प्रेम हो गया है
उन लम्बी पतली उंगलिओं से
जो तूलिकाओं की तरह
उकेरती रहती हैं मेरी आत्मा पर
कभी न मिटने वाले चित्र
हाँ , मुझे प्रेम हो गया है
उन गहरे घने केशों से
जिनमे ज़िंदगी
प्रेम के अबूझे रहस्यों की मानिंद
उलझ कर रह जाती है
हाँ , मुझे प्रेम हो गया है
उन रसवंती अधरों से
जो गुनगुनाते रहते हैं
पवित्र प्रेम के अंतहीन नग़मे
जिनपर मेरा नाम शायद
लिखा है भी या नहीं भी
हाँ , मुझे प्रेम हो गया है
उस आत्मा से
जिसके मधुर आलिंगन में
मैं देर तक सुनता हूँ
प्रेम का अंतहीन तराना ।
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