Saturday, June 29, 2024

प्रेम -प्रसंग -6

 प्रेम -प्रसंग


मुहब्बत की राह में

हम साथ साथ बढे थे 

सुखद सपनों के महल 

हम ने मिल कर गढ़े थे 

वो किरण - किरण के साथ 

परवान चढ़ता हमारा प्रेम 

वो चाँदनी रातों में देर तक 

हमारा बर्फ़ - सा सुलगना 

अधर अधर हँसना  

नज़र नज़र सुबकना 

काश वो दिन लौट आये 

आज तुम बहुत याद आये। 


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