प्रेम पूजा
रखती हो तुम व्रत
करती हो करवाचौथ की पूजा
मेरी लम्बी आयु के लिए
बचाती हो मुझे बुरी नज़र से
छुपाती हो मुझे हर नज़र से
मेरे हर सफ़र का आगाज़ हो तुम
मेरे हर सुर की आवाज़ हो तुम
मेरे लिए लड़ जाती हो यमराज से भी
तुम मेरी पूजा नहीं करती
अपितु तुम तो स्वयं एक पूजा हो
और
मैं हूँ तुम्हारा प्रेम पुजारी ।
No comments:
Post a Comment