Saturday, June 29, 2024

ज़ख़्मी दिल

 ज़ख़्मी दिल 


तुम्हारा दिल ज़ख़्मी है 

ख़ून  मेँ रिसता तुम्हारा ये दिल 

मुझे उदास बना देता है 

और मेरा प्रेम रिसने लगता है 

अब मेरा दिल भी 

ज़ख़्मी है तुम्हारे दिल की मानिंद 

मुझे और अधिक 

उदास हो जाना चाहिए   था 

लेकिन मैं  ख़ुश था 

कि  प्रेम मेँ डूबी 

उन जलती आँखों को 

अब मैं भी अपनी 

भीगी आँखों से देख पाउँगा 

मैं  ख़ुश था कि

उस रिसते ज़ख़्मी दिल को 

अब अपने ख़ून  से धो पाउँगा

मैं  ख़ुश था 

कि अब दर्द के 

इस अंतहीन तराने का 

दर्दीला नग़मा

तुम्हारे साथ मिलकर  गा पाउँगा । 


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