Sunday, June 30, 2024

तुम्हारी याद

 तुम्हारी याद 


आज फिर तुम्हारी    याद आयी है 

आज फिर जिंददगी  गुनगुनायी  है 


आज  फिर सहरा में  जला हूँ  मैं

आज फिर तू चाँदनी मैं नहायी है  


आज फिर तू  ज़मी पर उतरी है 

आज फिर यर ज़मी मुस्कुरायी है


आज फिर  तूने अंगड़ाई  ली है

आज फिर से क़यामत आयी  है   


आज फिर तू  जुदा हो गयी मुझ से 

आज फिर आँखों में नमी छायी है 


No comments:

Post a Comment