तुम्हारी याद
आज फिर तुम्हारी याद आयी है
आज फिर जिंददगी गुनगुनायी है
आज फिर सहरा में जला हूँ मैं
आज फिर तू चाँदनी मैं नहायी है
आज फिर तू ज़मी पर उतरी है
आज फिर यर ज़मी मुस्कुरायी है
आज फिर तूने अंगड़ाई ली है
आज फिर से क़यामत आयी है
आज फिर तू जुदा हो गयी मुझ से
आज फिर आँखों में नमी छायी है
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