जल कुंड
कुछ याद नहीं ठीक से
कितना छोटा था मैं
लेकिन नई दिल्ली के
बिड़ला मंदिर में
उन संगमरमर के
छोटे - छोटे सफ़ेद हाथियों पर
बैठा था मैं
और
जक - कुंडों में
झलकती मेरी परछाई
इस श्वेत - श्याम
तस्वीर में
आज भी वैसी ही ताज़ा है।
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