पकना एक कहानी का , लघुकथा संग्रह की लेखिका शोभना श्याम एक प्रतिष्ठित लेखिका हैं। यह लेखिका का दूसरा लघुकथा संग्रह है। इस लघुकथा संग्रह में कुल ७१ लघुकथाएँ है। पुस्तक की भूमिका प्रसिद्ध साहित्यकार बलराम अग्रवाल ने लिखी है। संग्रह की अधिकांश लघुकथाएँ सामजिक सरोकारों से जुडी हैं और समाज में व्याप्त विभिन्न कुरीतियों और असंगतियों को उजागर करती हैं। बलराम अग्रवाल ने अपनी भूमिका में लिखा है -" कुल मिलाकर शोभना की लघुकथाएँ भीड़ में अलग खड़ी दिखाई देती हैं , गुणवत्ता के प्रति आश्वस्त करती हैं।
बानगी के रूप में इसी लघुकथा संग्रह से प्रस्तुत है एक लघुकथा -
कुतरे हुए नोट
जैसे-जैसे आर्डर होती डिशेस की संख्या बढ़ती जा रही थी, प्रशांत की बेचैनी भी उसी अनुपात से बढ़ रही थी, उसे ऐसा लग रहा था, जैसे किसी ने उसके दिल को मुठ्ठी में जकड़ लिया है और दबाता ही जा रहा है ।
वह कॉरपोरेट में नया-नया आया था और एक अघोषित नियम के चलते उसे स्टाफ को 'न्यू जॉइनिंग ट्रीट' देनी पड़ी । काफी कोशिश की उसने टालने की । अपनी आर्थिक स्थिति की तरफ इशारा भी किया, लेकिन किसी को उस सब से कोई मतलब नहीं था।
उनकी ज़िद और फ़िकरों का लब्बो-लुआब यह था कि कॉरपोरेट में इतना कम कोई नहीं कमाता कि एक ट्रीट न दे सके । ज़ियादा न सही, एक-एक ड्रिंक और हल्के - फुल्के स्नैक्स तो कोई भी अफोर्ड कर सकता है। अब वह कैसे बताता कि उसकी ठीक-ठाक तनख़्वाह उन सब की तरह घर में एडीशनल नहीं बल्कि एकमात्र है । उसके पास न एक अदद पिता है, न पिता का घर । हिंदी फ़िल्मों की तर्ज़ पर एक माँ, एक कुँवारी बहन और एक खड़ूस मकान मालिक है । लेकिन न तो वह कह पाया और कहता भी तो वे सुनते नहीं । कॉरपोरेट की "ईट , ड्रिंक एंड बी प्रिपेयर फॉर हार्ड वर्क" वाली नीति में इस प्रकार का कहना सुनना होता ही नहीं।
सो अब वे सब इस हाई-फाई बिल्डिंग में ही बने एक रेस्ट्रॉं में बैठे हैं। उसके कुछ खा न पाने पर उन्होंने कंजूसी का लेबल लगा दिया है । ट्रीट खत्म हो चुकी है। वह बड़ी लाचारी और बेकसी से देख रहा है- हर प्लेट में कुछ कुतरे हुए नोट पड़े हैं।
-शोभना श्याम
पुस्तक का नाम - पकना एक कहानी का ( लघुकथा संग्रह )
लेखक - शोभना श्याम
प्रकाशक - अधिकरण प्रकाशन
प्रकाशन वर्ष - प्रथम संस्करण , 2018
कॉपीराइट - शोभना श्याम
पृष्ठ - 128
मूल्य - 350/ INR ( तीन सौ पचास रुपए केवल )
Binding - Hardbound
Size - डिमाई 4.8 " x 7.5 "
ISBN - 978 -93-87559-44-8
आवरण - हिमांशी मित्तल
प्रस्तुति -इन्दुकांत आंगिरस
शोभना जी को बधाई एवं शुभकामनाएं।
ReplyDeleteहार्दिक आभार भूपेंद्र जी
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