Friday, August 21, 2020

लोमड़ी और बत्तखें - A róka és a kacsák ( हंगेरियन लोक कथा का हिन्दी अनुवाद )

  A róka és a kacsák -  लोमड़ी और बत्तखें 


 एक बार एक लोमड़ी घूमते घूमते झील के किनारे आ पहुँची।  झील में बत्तखें  तैर रही थीं। 

बत्तखों को देखते ही लोमड़ी के मुहँ में पानी आ गया।  लोमड़ी सोचने लगी कि किसी  तरह एक बत्तख खाने को मिल जाये।  वह जानती थी कि बत्तखें  काफ़ी जिज्ञासु  हैं इसलिए उसने ऊँची आवाज़ में  उनसे कहा - मेरे नज़दीक आओ , मैं तुम्हें दिलचस्प कहानियाँ सुनाऊँगी। 

' हम यही से सुन रहे हैं , तुम कहानी सुनाओ ' - बत्तखों ने कहा।  

' लेकिन तुम  लोग बहुत दूर हो , मैं इतनी ज़ोर से नहीं चिल्ला सकती।  तुम में से कोई एक मेरे करीब आओ ,मैं उसे कान में कहानी सुना दूँगी और वह दूसरी बत्तखों को सुना देगी, लेकिन सिर्फ़ समझदार बत्तख को मेरे पास भेजना  क्योंकि मूर्ख  बत्तख तो रास्ते में ही कहानी भूल जाएगी। - लोमड़ी ने बत्तखों से कहा। 

                   यह सुनते ही सारी बत्तखें  झील के किनारे पर आ गयीं क्योंकि हर बत्तख अपने आपको समझदार दिखाना चाहती थीं। लोमड़ी ने सबसे नज़दीक वाली बत्तख को झपट्टा मार कर पकड़ लिया और शेष बत्तखें झट से तितर - बितर हो गयीं। 



अनुवादक - इन्दुकांत आंगिरस 

No comments:

Post a Comment