करामाती सूट
धीरे धीरे मेरा बौनापन
मुझसे भी बड़ा हो गया
जब मेरे ही सामने
अपने कपडे उतार कर
वह खड़ा हो गया
तब मैंने अपना कीमती सूट
उतर कर उसे पहना दिया
और अब हर कोई
उसे ही सलाम ठोंकता है
बस फिर क्या !
मेरा बौनापन कुछ और तन गया
उसका हर टेढ़ा काम
आसानी से बन गया
वह एक टाइपिस्ट की कुर्सी से उछल
बॉस बन गया
अब उसके हाथ
पहले से भी लेंगें हो गए हैं
वह टाइपिस्ट की उँगलियों का दर्द
भूल गया है शायद
उसने अपने काले हाथों में
सफ़ेद दस्ताने चढ़ा लिए हैं
के बरस गुज़र गए
वह अब भी वैसे ही
तन कर आता है
लोग आज भी उस को
वैसे ही सलाम ठोकते हैं
पर वह क़ीमती सूट
अब पुराना हो गया है
लेकिन वह उसे
अब भी नहीं उतारता
शायद वह
उसी को ओढ़े ओढ़े मर जाये
पर मैं उसे मरने नहीं दूँगा
मुझे वह करामाती सूट
वापिस चाहिए
मैंने उस सूट के लिए
बड़ी से बड़ी क़ीमत लगा दी
पर वह फिर भी नहीं माना
और अब शायद
अपना करामाती सूट
वापिस लेने के लिए
मुझे एक बार
फिर से नंगा होना पड़ेगा।
No comments:
Post a Comment