Tuesday, August 20, 2024

फ़्लैश बैक - गंगू तेली

 गंगू तेली 


रामबाबू चाट वाले के बग़ल में ही थी 

गंगू तेली की दुकान 

बाज़ार सीताराम में 

किसी तिल्सिम-सी लगती मुझे 

उसकी दुकान पर रखी 

रंग - बिरंगें तेलों की बोतलें 

जिनसे उठती थी मिली - जुली सुगंध 

क़िस्म - क़िस्म के तेल 

परिचित नहीं था उस समय 

उन रंग - बिरंगे तेल के नामों से 

तिल, मूंगफली 

अरंडी , अलसी का तेल 

सूरजमुखी , चमेली ,

जैतून , तुलसी , चन्दन का तेल 

चमेली , गुलाब , बादाम का तेल 

और भी कितने ही क़िस्मों के तेल 

आज भी लगाता हूँ जब कभी कोई तेल 

तो याद आ जाती है 

गंगू तेली की दुकान। 


कवि - इन्दुकांत आंगिरस  

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