मिड डे मील्स
गर्मियों की छुट्टियों के बाद आज ही स्कूल खुले थे। हिंदी के अध्यापक नए साल की पहली कक्षा ले रहे थे। नया पाठयक्रम , नए बच्चें। बच्चों के मन में उत्साह था और उनके चेहरे खिले हुए थे। अभी अध्यापक ने पाठ पढ़ाना आरम्भ ही किया था कि स्कूल का चपरासी एक सर्कुलर ले कर आया। अध्यापक ने सर्कुलर को मन ही मन पढ़ा और फिर बच्चों से कहा -" बच्चों ! आपको जान कर ख़ुशी होगी की स्कूल ने मिड डे मील्स की योजना आरम्भ की है जिसके अंतर्गत आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों को स्कूल की तरफ़ से मुफ़्त मिड डे मील्स प्रदान किया जायेगा। इसके लिए आपको अपने परिवार का इनकम सर्टिफिकेट स्कूल में जमा कराना होगा। ५००००/ रूपये सलाना से कम आय वाले प्रत्याशी इस योजना का लाभ उठा पाएँगे। "
अध्यापक द्वारा घोषणा सुन कर राजीव अपनी सीट पर खड़ा हो कर अध्यापक से कहने लगा - " सर , मेरे पिता की आय तो ३ लाख रूपये सलाना हैं लेकिन मैं इस योजना का लाभ उठाना चाहता हूँ। "
- " जब आप समर्थ हैं तो आप इस योजना का लाभ क्यों उठाना चाहते हैं ? " अध्यापक ने छात्र से पूछा।
- " सर , बात ये हैं कि मेरी माँ सुबह जल्दी काम पर निकल जाती है और मैं क्रिकेट की कोचिंग लेने जाता हूँ। घर पर सुबह नाश्ता नहीं बनता और मुझे भूखे पेट स्कूल आना पड़ता है। "
- " देखो राजीव , ये सब आपकी पारिवारिक समस्या है , नियमानुसार , योजना का लाभ उसी को मिलेगा जिसकी पारिवारिक आय ५००००/ से कम होगी।
- " ठीक है सर , कल मैं स्कूल में ५००००/ आय का सर्टिफिकेट जमा कर दूँगा , तब देखता हूँ मुझे मिड डे मील्स लेने से कौन रोकेगा। " -राजीव ने तैश में जवाब दिया।
अध्यापक राजीव का जवाब सुन कर ख़ामोश हो गया ओर उन्होंने उस ग़रीब बच्चे की ओर देखा जो ग़रीब हो कर भी मिड डे मील्स की योजना का लाभ नहीं लेना चाहता था।
--------------------------------------------------
ख़ैरात
गर्मियों की छुट्टियों के बाद आज ही स्कूल खुले थे। हिंदी के अध्यापक नए साल की पहली कक्षा ले रहे थे। नया पाठयक्रम , नए बच्चें। बच्चों के मन में उत्साह था और उनके चेहरे खिले हुए थे। अभी अध्यापक ने पाठ पढ़ाना आरम्भ ही किया था कि स्कूल का चपरासी एक सर्कुलर ले कर आया। अध्यापक ने सर्कुलर को मन ही मन पढ़ा और फिर बच्चों से कहा -" बच्चों ! आपको जान कर ख़ुशी होगी की स्कूल ने मिड डे मील्स की योजना आरम्भ की है जिसके अंतर्गत आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों को स्कूल की तरफ़ से मुफ़्त मिड डे मील्स प्रदान किया जायेगा। इसके लिए आपको अपने परिवार का इनकम सर्टिफिकेट स्कूल में जमा कराना होगा। ५००००/ रूपये सलाना से कम आय वाले प्रत्याशी इस योजना का लाभ उठा पाएँगे। इसलिए जो भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं वे इस रजिस्टर मैं अपना नाम दर्ज कर दें। "
अध्यापक की घोषणा सुन कर कुछ बच्चों ने अपना नाम रजिस्टर मैं लिख दिया। अध्यापक ने देखा कि कक्षा में आख़री बेंच पर बैठा कैलाश
बहुत उदास लग रहा था। अध्यापक को मालूम था कि कैलाश बहुत ग़रीब परिवार से है और उसे इस योजना का लाभ उठाना ही चाहिए लेकिन कैलाश अपनी सीट पर बैठ रहा और उसने रजिस्टर में अपना नाम दर्ज नहीं किया।क्लास समाप्त होने पर अध्यापक ने कैलाश को
अपने कमरे में बुलवाया और उससे पूछा - " कैलाश , मैं जानता हूँ कि तुम बहुत ग़रीब परिवार से हो तो फिर तुम इस योजना का लाभ क्यों नहीं उठाना चाहते ? मैंने देखा कि तुमने रजिस्टर मैं अपना नाम दर्ज नहीं किया। " अध्यापक की बात सुन कर कैलाश ने कहा - " सर , हम ग़रीब ज़रूर है लेकिन बेग़ैरत नहीं हैं। इस तरह की ख़ैरात हमे नहीं चाहिए। हम भूखे मर जायेंगे लेकिन किसी के टुकड़ों पर नहीं पलेंगे। "
कैलाश का जवाब सुन कर अध्यापक मौन हो गया।
--------------------------------------------------------------------
मिड डे मील्स
स्कूल में मिड डे मील्स की नई योजना शुरू हुई थी जिसके तहत ग़रीब बच्चों को मुफ़्त मिड डे मील्स उपलब्ध कराया जाना था। इस योजना के अनुसार इस योजना का लाभ सिर्फ़ वो बच्चें उठा पाएंगे जिनकी पारिवारिक सलाना आय 75,000/ से कम होगी।
अध्यापक द्वारा मिड डे मील्स घोषणा सुन कर राजीव अपनी सीट पर खड़ा हो कर अध्यापक से कहने लगा - " सर , मेरे पिता की आय तो ३ लाख रूपये सलाना हैं लेकिन मैं इस योजना का लाभ उठाना चाहता हूँ। "
- " जब आप समर्थ हैं तो आप इस योजना का लाभ क्यों उठाना चाहते हैं ? " अध्यापक ने छात्र से पूछा।
- " सर , बात ये हैं कि मेरी माँ सुबह जल्दी काम पर निकल जाती है और मैं क्रिकेट की कोचिंग लेने जाता हूँ। घर पर सुबह नाश्ता नहीं बनता और मुझे भूखे पेट स्कूल आना पड़ता है। "
- " देखो राजीव , ये सब आपकी पारिवारिक समस्या है , नियमानुसार , योजना का लाभ उसी को मिलेगा जिसकी पारिवारिक आय 75,000/ से कम होगी।
- " ठीक है सर , कल मैं स्कूल में 75,000/ आय का सर्टिफिकेट जमा कर दूँगा , तब देखता हूँ मुझे मिड डे मील्स लेने से कौन रोकेगा। " -राजीव ने तैश में जवाब दिया।
अध्यापक राजीव का जवाब सुन कर ख़ामोश हो गया ओर उसने उस ग़रीब बच्चे की ओर देखा जो ग़रीब हो कर भी मिड डे मील्स की योजना का लाभ नहीं लेना चाहता था।
लेखक - इन्दुकांत आंगिरस
No comments:
Post a Comment