रामबाबू चाट वाला
रामबाबू चाट वाला था मशहूर
बाज़ार सीताराम में
कुछ तो जादू था
उसकी चाट और नाम में
लगी रहती थी भीड़ हर समय
अक्सर लड़कियों का समूह
गोल गप्पे का पानी
होता था तीखा
उसकी चाट के आगे
लगता था सब कुछ फीका
कभी कभी खाता था मैं भी
चाट और गोल गप्पे उसके
और जब नहीं खाता था
बस गुज़रता भर था
उसकी दुकान के सामने से
आ ही जाता था मेरे मुँह में पानी।
कवि - इन्दुकांत आंगिरस
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