दोस्तो बहुत दिन बाद आपसे चर्चा हो रही है। एक तरही मिसरा दे रहा हूँ। यह मेरी ग़ज़ल का मिसरा है। इसे मतले में न लें। बीच में किसी भी शेर में ले सकते हैं लेकिन इस मिसरे को इनवर्टेड कॉमा में लिखना जरूरी होता है जिससे यह पता चलता है कि यह तरही मिसरा है और किसी के शेर का है।
दूसरी बात किताब प्रकाशित होते समय इस शेर को हटाया जा सकता है लेकिन यह मिसरा अगर मतले में लिया गया तो मतला नहीं हटाया जा सकता है। इसलिए मतले में तरही मिसरा लेने की मनाही होती है।
मिसरा है
'लाल बत्ती काश लग जाये जो मेरी कार में'
बह्र है
फाइलातुन फाइलातुन फाइलातुन फाइलुन
2122 2122 2122 212
रदीफ़ है- में
क़ाफ़िया - कार, बेकार ,दीवार, मझधार, दस्तार, सरकार , मैयार , लाचार, किरदार, मयख़ार , ख़ार, हार, इतवार, प्यार आदि
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