Kutya - macska barátság
कुत्ते - बिल्ली की दोस्ती
एक बार कुछ कुत्तों ने शादी की दावत का आयोजन किया। बोदरी नामक कुत्ते ने के प्रकार के पकवान पकाए और उन पकवानों को चखने के लिए अपने मित्र शायो नामक कुत्ते को बुलाया। शायो ने मालपुआ चखा , लेकिन उसमे न कोई स्वाद था न कोई ज़ायका क्योंकि उसमे दही नहीं डाला गया था। बोदरी दही ढूँढने लगा लेकिन घर पर दही नहीं था। उसने सोचा कि कसी को जल्दी से दूकान पर भेजना पड़ेगा।
लेकिन कौन जाएगा ? कुत्ते ने अभी तक पकाना समाप्त नहीं किया था। उसने बिल्ली को देखा और उसे दही लाने भेज दिया। बिल्ली दही लेने दुकान की और भागी। जब दुकानदार ने दही तोल दिया तो बिल्ली घर की और भागी। बिल्ली भूखी थी इसलिए उसने उसमे से थोड़ा सा दही चाट लिया। एक क्षण सोचा फिर और दही खा लिया। अब डिब्बे मैं बहुत ही थोड़ा दही बचा था। कुत्तों का घर आने वाला था , इतना थोड़ा दही ले जाने मैं बिल्ली को संकोच हुआ और उसने बचा - खुचा दही भी चट क्र डाला। कुत्ते उसका इन्तिज़ार कर रहे थे , उसको देखते ही भागते हुए आये और पूछा - " दही लायी हो बिल्ली ?"
बिल्ली ने झूठ कह दिया कि दुकानदार ने दही दिया ही नहीं। लेकिन कुत्तों ने बिल्ली कि दही से सनी मूंछें देख ली।
कुत्ते उसे पकड़ने के लिए दौड़े लेकिन बिल्ली भाग कर पेड़ पर चढ़ गयी और वहां से कुत्तों पर गुर्राने लगी। जब कुत्तों ने देखा कि बिल्ली पेड़ से नीचे उतरने को तैयार नहीं है , तो वे घर लौट गए।और बिना दही के ही मालपुआ खाने लगे।
तभी से कुत्तों को बिल्ली फूटी आँख नहीं सुहाती और यह दुश्मनी आज तक चल रही है
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