A macska és az egér
बिल्ली ओर चूहा
यहाँ - वहाँ , इधर - उधर , मेरे पास , तुम्हारे पास , पापा के पास , मम्मी के पास , सभी के पास बिल्ली थी। एक
बार यही बिल्ली कटोरे में दूध पी रही थी तभी एक चूहा वहाँ आ गया और कटोरे के किनारे
काटने लगा।
बिल्ली ने चूहे से
कहा -" ऐ चूहे ! पागल मत बन। कुतरना छोड़
दे नहीं तो मैं तेरी पूँछ ले लूँगी। "
छोटे चूहे को विशवास
नहीं हुआ , वह कुतरता रहा , बिल्ली ने उसकी पूँछ ले ली। चूहा रोने - धोने लगा , बिल्ली से अपनी पूँछ वापिस माँगने लगा लेकिन बिल्ली ने पूँछ वापिस नहीं करी।
- " मेरे लिए गाय से दूध ले कर
आओ , तब तुम्हारी पूँछ लौटाऊँगी। " बिल्ली ने कहा ।
चूहा गाय के पास गया।
" गाय गाय , मुझे दूध दे दो , दूध बिल्ली को दूँगा ,
बिल्ली मेरी पूँछ
वापिस करेगी। " चूहे ने कहा।
- " मैं तब तक तुम्हें दूध नहीं
दूँगी जब तक तुम मुझे कटाई वाले से सूखी घास नहीं लाकर दोगे " गाय ने कहा।
चूहा कटाई वाले के
पास गया।
- " कटाई वाले मुझे सूखी घास दे
दो , घास गाय के पास ले कर जाऊँगा
और तब बिल्ली मेरी पूँछ वापिस कर देगी। "
- " मैं सूखी घास तब तक नहीं दूँगा
जब तक तुम मुझे बेकर के यहाँ से डबलरोटी नहीं
ला कर दोगे। " कटाई वाले ने सहजता से कहा।
- " मैं तब तक डबलरोटी नहीं दूँगा जब तक तुम मुझे पकाने के लिए सुअर का माँस नहीं
ला कर दोगे। " बेकर ने कहा।
चूहा सुअर के पास
गया।
- " सुअर जी , मुझे सुअर का माँस दो। सुअर का माँस बेकर के पास ले जाऊँगा , बेकर मुझे डबलरोटी देगा , डबलरोटी कटाई वाले
के पास ले जाऊँगा , कटाई वाला मुझे घास देगा , घास गाय के पास ले जाऊँगा , गाय मुझे दूध देगी
, दूध बिल्ली के पास ले जाऊँगा , बिल्ली मेरी पूँछ मुझे लौटा देगी। "
- " मैं तब तक सुअर का माँस नहीं
दूँगा जब तक मुझे पेड़ से बांजफल लेकर नहीं
दोगे " सुअर ने कहा।
चूहा पेड़ के पास गया। अभी वह ऊपर की ओर निराशा से देख ही रहा था कि किस
तरह से बांजफल प्राप्त किया जाए कि तभी अचानक
एक बांजफल चूहे के सर सर पर आ गिरा। बांजफल
चूहे के सर पर इतनी ज़ोर से फूटा कि चूहा वही ढेर हो गया।
अगर चूहा नष्ट न हुआ
होता तो शायद ये कहानी भी ख़त्म न हुई होती।
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