काफिया में हर्फे रबी का होना अनिवार्य है। हर्फे रिद्फ, हर्फे कैद, हर्फे दखील, हर्फे तासीस में से कोई भी हर्फे रबी के पहले आ सकता है। इन्हें हर्फे असली कहते हैं।
काफिया में हर्फे रबी के बाद आने वाले सम्भावित चार अक्षर हैं-
1. हर्फे वस्ल 2. हर्फे खुरूज़ 3. हर्फे मज़ीद 4 हर्फे नाइरा
ये चार अक्षर वस्ली कहलाते हैं क्योंकि ये हर्फे रबी के बाद काफ़िया में जुड़ते हैं। इस प्रकार काफ़िया में कुल नौ अक्षर हो सकते हैं।
हर्फे वस्ल- हर्फे रबी के तत्काल बाद आने वाला अक्षर या मात्रा हर्फे वस्ल होता है। जैसे-
यारी = यार+ ई ( यहाँ हर्फे रबी र मे ई मात्रा जुड़ने से हर्फे वस्ल ई मात्रा है)
भोपाली = भोपाल +ई ( ल हर्फै रबी और हर्फे वस्ल ई की मात्रा है)
घरवाला = घर + वाला ( यहाँ हर्फे रबी र के तत्काल बाद अक्षर व आ रहा है इसलिए हर्फे वस्ल अक्षर व होगा)
पानीदार = पानी + दार ( यहाँ हर्फे रबी ई है और उसके तत्काल बाद द अक्षर आ रहा है तो द अक्षर हर्फे वस्ल होगा)
अतः हर्फे रबी के तत्काल बाद आने वाला अक्षर या मात्रा
हर्फे वस्ल कहलाता है।
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