मित्रों ,
नमस्कार
हर्फे रबी, हर्फे रिद्फ, हर्फे रिद्फ मुफरद, हर्फे रिद्फ मुरक्कब, और हर्फे कैद के विषय में जाना। आगे हर्फे दखील के बारे में जानेंगे
हर्फे दखील
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हर्फे दखील-
हर्फे रबी के पहले यदि कोई व्यंजन अर्थात पूर्ण अक्षर हो और उसके पहले कोई दीर्घ मात्रा हो तो यह व्यंजन हर्फे दखील कहलाता है। हर्फे दखील तभी होगा जब व्यंजन के पहले दीर्घ मात्रा हो वरना दखील नहीं कहलायेगा।
जैसे- काजल । यहां ल हर्फे रबी है और ल केपहले पूर्ण व्यंजन ज है लेकिन उससे पहले अर्थात ज के पहले दीर्घ मात्रा आ है तो ज व्यंजन हर्फे दखील होगा।
इसी प्रकार साजन में न हर्फे रबी है ज हर्फे दखील हैं क्योंकि इसके पहले आ की दीर्घ मात्रा है।
एक और उदाहरण देखिये-
शब्द कोमल मे ल हर्फे रबी म हर्फे दखील क्योंकि इसके पहले ओ की मात्रा है।
अब ऐसा काफिया जिसमें हर्फे दखील है तो आगे के काफिये में दखील तो बदल सकता है लेकिन उसके पहले की मात्रा नहीं बदल सकते हैं । जैसे-
कोमल, के साथ बोतल, ओझल, तो आ सकता है लेकिन ओ की मात्रा नहीं बदल सकते। हम कोमल के साथ काजल , बादल , चीतल आदि काफिये नहीं ले सकते
हर्फे दखील के अन्य उदाहरण देखें।
शीतल - हर्फे रबी ल है
इसके पहले पूर्ण व्यंजन त है
और चूँकि त के पहले दीर्घ मात्रा ई है इसलिए त हर्फे दखील है।
यौवन - न हर्फे रबी है
इसके पहले पूर्ण व्यंजन व है
लेकिन इस व व्यंजन के पहले दीर्घ मात्रा औ की है इसलिए व हर्फे दखील है।
हर्फे दखील तभी होगा जब हर्फे रबी के पहले पूर्ण व्यंजन हो और इसके भी पहले दीर्घ मात्रा होना जरूरी है। यदि दीर्घ मात्रा नहीं है तो पूर्ण व्यंजन हर्फै दखील नहीं कहलायेगा। जैसे
बदन में न हर्फे रबी है
द पूर्ण व्यंजन है
लेकिन द के पहले दीर्घ मात्रा नहीं है इसलिए द हर्फै दखील नहीं होगा।
इसी प्रकार कमर में र हर्फे रबी है
म पूर्ण व्यंजन है लेकिन इसके पहले दीर्घ मात्रा नहीं है तो म को हर्फे दखील नहीं कहेंगे।
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