प्रार्थना
एक बार फिर
निकलता है सूरज
एक और दिन की
सज़ा देने
हमसे हमारी ही
साँसें लेने
और हम
सुबह , दोपहर , शाम
भोग कर
रात में
प्रार्थना करते हैं
ईश्वर से
अगली सुबह के लिए
और एक दिन की
सज़ा के लिए।
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