Thursday, May 8, 2025

शहर और जंगल - प्रार्थना

 प्रार्थना 


एक बार फिर 

निकलता है सूरज 

एक और दिन की

सज़ा देने 

हमसे हमारी ही 

साँसें लेने 

और हम 

सुबह , दोपहर , शाम 

भोग कर

एक बार फिर 

रात में 

प्रार्थना करते हैं 

ईश्वर से 

अगली सुबह के लिए 

और एक दिन की 

सज़ा के लिए। 

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