सारे जहाँ से अच्छा
कोठरी का एक ही द्वार
बंद करते ही
घिर जाता है अन्धकार
बरसात में
घर की छत टपकती है
भीगे कपड़ों में
पत्नी कुछ और सरकती है
और बच्चें भी जब
गठरी बन सिकुड़ जाते हैं
तब
' सारे जहाँ से अच्छा
हिन्दोस्तां हमारा "
हम सपरिवार
अपना राष्ट्रगीत गाते हैं।
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