Wednesday, July 19, 2023

गीत - फूलों का मैं राजकुमार

 फूलों का मैं राजकुमार 

तुम मुझ से ही करना प्यार 


अधरों की मुस्कान बना मैं 

ख़ुश्बू की पहचान बना मैं

किशना की मुरली में ढल कर 

सूर बना रसखान बना मैं


काँटा तुम को इस जीवन में 

क्या दे पायेगा कुछ उपहार 


सपनों के बुनता मैं घर हूँ 

अपनों से मिलता अक्सर हूँ 

मुझको छू कर ही जाती है 

यूँ ही नहीं पुरवा गाती है 


मुझ को ही तो रोक राह में 

ऋतु करती सोलह श्रृंगार 


यूँ ही नहीं इतराता हूँ  मैं

देवो पर चढ़ जाता हूँ मैं

पर मुरझाऊँगा इक दिन

मैं खो जाऊँगा इक दिन 



कवि -  इन्दुकांत आंगिरस 


 





 


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