श्याम की मुरली , श्याम की राधा
राधा के मन में श्याम बिराजा
कान्हा , कान्हा; कान्हा बोले
राधा , राधा ; राधा बोले
एक हुए यूँ प्राण युगल के
एकही प्रीत की बोली बोले
श्याम की मुरली , श्याम की राधा
गीत हुआ यूँ पावन मन का
भीज गया मन वृन्दावन - सा
भूल गयी सब सुधबुध राधा
याद रहा बस नाम किशन का
श्याम की मुरली , श्याम की राधा
राधा के घनश्याम सांवरिया
गावत प्रीत के राग किवारिया
श्याम से मोहे आज मिला जा
सदियों की ये प्यास बुझा जा
श्याम की मुरली , श्याम की राधा
कवि - इन्दुकांत आंगिरस
 
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