Tuesday, July 4, 2023

लघुकथा - व्ट्सअप्प एडमिन

व्ट्सअप्प एडमिन


- " क्या हुआ भाई , मुँह लटकाये क्यों बैठे हो ? " मैंने अपने यार से पूछा। 

-" क्या बताऊँ यार , कल  ' गुड मॉर्निंग ' व्ट्सअप्प के एडमिन ने मुझे  ग्रुप से रिमूव कर दिया। "

- " क्यों , रिमूव क्यों कर दिया ? " - मैंने जिज्ञासा से पूछा। 

- "वो मैंने अपनी लघुकथा में व्ट्सअप्प एडमिन की तुलना सर्कस के रिंग मास्टर से कर दी थी , शायद इसीलिए ...." यार ने मायूसी से बताया। 

- " हाँ , तो ऐसी लघुकथाएँ लिखोगे तो रिमूव करेंगे ही।  अरे , एडमिन तो एडमिन होते हैं भई , उन्हें आईना मत दिखाओ   " मैंने यार को समझाते हुए कहा।   

- " हाँ , ये बात तो तुमने सोलह आने सच कही , एडमिन्स को आईना नहीं दिखाना चाहिए , फिर भी रिमूवल की पीड़ा मर्मान्तक है। " यार ने दुखी हो कर कहा। 

-" अरे छोड़ो यार , इतना ग़म करने की ज़रूरत नहीं , हज़ारों ग्रुप हैं व्ट्सअप्प के , ' गुड़ मॉर्निंग ' ने रिमूव कर दिया तो क्या हुआ , ' गुप् आफ्टरनून , ' गुड़ इवनिंग ' या ' गुड़ नाईट ' ज्वाइन कर लो। " मैंने अपने यार को प्रोत्साहित किया और बियर का गिलास उसकी ओर बढ़ा दिया। 

- ' चियर्स ' के साथ हमारे जाम टकराये और यार का चेहरा मुस्कुराहट से खिल उठा। 



लेखक - इन्दुकांत आंगिरस     

 




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