पुस्तक विमोचन एवं काव्य संध्या - रशियन हाउस और परिचय साहित्य परिषद्
रशियन हाउस , नई दिल्ली और परिचय साहित्य परिषद् के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पुस्तक लोकार्पण एवं काव्य संध्या का आयोजन डॉ अशोक मैत्रेय की अध्यक्षता में सफलता पूर्वक रशियन हाउस दिल्ली में संपन्न हुआ। महान रूसी कवि व्लादिमीर मायकोवस्की की 130 वे जन्मोत्सव के उपलक्ष्य पर रशियन हाउस के निदेशक श्री ओलेग ओसीपोव ने व्लादिमीर मायकोवस्की के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। इन्दुकांत आंगिरस ने प्रोफ़ेसर वरयाम सिंह द्वारा अनूदित मायकोवस्की के एक कविता का हिंदी अनुवाद प्रस्तुत किया।
श्री ओलेग ओसीपोव एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ अशोक मैत्रेय के कर कमलों द्वारा इन्दुकांत आंगिरस के दो कविता संग्रह - ' प्रेम - प्रसंग ' एवं ' फ़्लैश बैक 'और शिवनलाल जलाली के कविता संग्रह ' विक्रम का इन्तिज़ार "का लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर दिल्ली और आस -पास के शहरों के अनेक प्रतिष्ठित लेखक , कवि एवं सहितयकार उपस्थित थे।
' प्रेम - प्रसंग ' कविता संगह पर दिल्ली विश्विद्यालय के प्रोफ़ेसर हरीश अरोड़ा ने कहा कि , "प्रेम - प्रसंग की कविताएँ प्रेम के विभिन्न आयाम प्रस्तुत करती हैं। ये प्रेम कविताएँ प्रेम के अबूझे रहस्यों से पर्दा उठती हैं और अछूते बिंबों और प्रतीकों के माध्यम से एक नयी ख़ुश्बू से पाठकों के मन को सरोबार करती हैं "।
" फ़्लैश बैक " पुस्तक पर अपने विचार रखते हुए प्रसिद्ध साहित्यकार श्री नरेश शांडिल्य के कहा कि , " फ़्लैश बैक ' की "कविताओं में कवि इन्दुकांत आंगिरस ने नए प्रकार का प्रयोग किया है। इन कविताओं में ' अनकहा ' ही कविताओं को बड़ा बनाता है। बचपन और युवा मन की स्मृतियों को उजागर करती ये कविताएँ नए और पुराने लेखकों और कवियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन सकती हैं। उन्होंने कहा कि " फ़्लैश बैक " की कविताएँ इसलिए भी उल्लेखनीय हैं क्योंकि इस पुस्तक में बहुत - सी कविताएँ इंसानी रिश्तों को परिलक्षित करती हैं। "
" फ़्लैश बैक " पर अपने विचार रखते हुए प्रसिद्ध शाइर प्रमोद शर्मा ' असर ' ने पुरानी दिल्ली से जुडी हुई अपनी यादे ताज़ा करी और पुस्तक के रचना क्रम में अपने सयोग का भी ज़िक्र किया।
" विक्रम का इन्तिज़ार ' कविता संग्रह पर प्रसिद्ध समीक्षक श्री सुभाष चन्दर ने कहा कि ' विक्रम का इन्तिज़ार ' में शामिल कविताएँ आम आदमी
की हैं और आम आदमी उन्हें सहजता से समझ सकता हैं। इन कविताओं में हास्य के साथ साथ व्यंग्य का तीख प्रहार देखने को मिलता हैं। बहुत - सी कविताएँ समाज की विद्रूपताओं को उजागर करती हैं और एक बदलाव लाने की सफल कोशिश है।" विक्रम का इन्तिज़ार " कवि शिवनलाल जलाली का प्रथम कविता संगह है और ऐसी आशा करी जाती है कि भविष्य में कवि और अधिक सार्थक और सुन्दर कविताएँ समाज को देगा। "
इस अवसर पर एक काव्य - संध्या का भी आयोजन किया गया जिसमे सर्वश्री भूपेंद्र कुमार , दिनेश मंज़र , संतोष संप्रीति , रवि ऋषि ,रूबी मोहंती , मनोज अबोध , शशिकांत , तारादत्त , राजेंद्र कलकल , सरफ़राज़ ,विनोद प्रकाश गुप्ता , सुरभि अनिता ,त्रिलोक कौशिक ,राजेश श्रीवास्तव ,पवन तोमर , पन्ना लाल और जगदीश मीणा के नाम उल्लेखनीय हैं जिन्होंने अपने गीत , ग़ज़लें , दोहे और कविताओं से सभी दर्शकों को भाव - विभोर कर दिया। २४ , फ़िरोज़शाह रोड , रशियन हाउस इन कवियों की कविताओं से सुगन्धित हो गया और वातावरण तालियों से गूँज उठा ।
परिचय साहित्य परिषद् के जनरल सेक्रेटरी अनिल वर्मा ' मीत ' के कुशल संचालन ने सभी का मन मोह लिया। धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उन्होंने ये घोषणा करी कि परिचय साहित्य परिषद् भविष्य में हर महीने रशियन हाउस के सानिघ्य से साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित करेगी।
प्रेषक :
इन्दुकांत आंगिरस
अनिल वर्मा मीत
जनरल सेक्रेटरी , परिचय साहित्य परिषद्
नई दिल्ली
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