Tuesday, July 4, 2023

लघुकथा - लाइक , सब्सक्राइब और शेयर

 लघुकथा - लाइक , सब्सक्राइब  और शेयर 


जी हाँ , मैं सब से गुज़ारिश कर रहा हूँ कि मेरा नया यूट्यूब साहित्यिक चैनल लोग लाइक , सब्सक्राइब  और शेयर  करें। इसी सिलसिले में , मैंने ख़ुद  को कई व्ट्सअप्प साहित्यिक समूहों से  जोड़ा , कही मुफ़्त तो कही पैसे दे कर। व्ट्सअप्प समूहों की अपनी एक अलग दुनिया है।  हर ग्रुप के अलग अलग नियम और क़ानून। अक्सर ग्रुप का एडमिन किसी सर्कस के रिंग मास्टर से कम नहीं होता।  सभी सदस्य  ग्रुप एडमिन से डरते हैं , कौन जाने किस बात पर नाराज़ हो जाये और उन्हें ग्रुप से बाहर निकाल फेंके। नए नए व्ट्सअप्प ग्रुप्स से जुड़  कर मैं बहुत ख़ुश था और मुझे उम्मीद थी कि अब तो मेरा यूट्यूब चैनल दौड़ेगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।  व्ट्सअप्प साहित्यिक समूहों पर  सब   अपनी अपनी ढपली और अपना अपना राग बजाने में लगे हैं।  बहुत सारी तालियाँ बिना पढ़े - सुने ही बज जाती हैं। मुझे आश्चर्य हुआ कि मेरे साहित्यिक यूट्यूब चैनल को कोई भी नहीं पढ़ - सुन रहा। शायद अभी मैं इन समूहों में अजनबी हूँ , अभी समूहों के सदस्यों ने मुझे अपनाया नहीं हैं।...मैं अभी भी एक सपना हूँ अभी मैं  सबका  हुआ नहीं हूँ। 

जाने कब कोई इस नाचीज़ को भी लाइक , सब्सक्राइब  और शेयर  करेगा..........बुरा न  मानो  बात का , प्यार है गिला नहीं। 


लेखक - इन्दुकांत आंगिरस    

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